December 23, 2024

सीएम धामी ने अधिकारियों के साथ की बैठक, कहा- राजस्व बढ़ाने के लिए विभाग नए स्रोतों पर करें फोकस

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को राज्य की आय के संसाधनों को बढ़ाने के लिए खुद मोर्चा संभाला। उन्होंने कर राजस्व से जुड़े विभागों को मजबूत वित्तीय प्रबंधन का मूल मंत्र देते हुए कहा कि राजस्व संसाधनों को बढ़ाने के लिए प्रयास और नवाचार में तेजी लाई जाए। राजस्व बढ़ाने के लिए नए स्रोतों पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में वित्तीय मितव्ययता और राजस्व वृद्धि के संबंध में बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए नई रणनीति और तरीके अपनाए जाएं। कर संग्रह प्रक्रिया को और बेहतर बनाया जाए। इसके साथ ही कर चोरी रोकने के लिए नियमित रूप से सख्त कदम उठाए जाएं। विकास और जनहित से जुड़े विभिन्न कार्यों का आम जनता को पूरा लाभ मिलना चाहिए। कार्यों में मितव्ययता के साथ ही गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।

पहली छमाही में खनन से 52 फीसदी राजस्व प्राप्त हुआ

मुख्यमंत्री ने खनन क्षेत्र में राजस्व बढ़ाने के प्रयासों की सराहना की। चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में पिछले वर्ष की तुलना में 70 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह कुल वार्षिक लक्ष्य का 52 प्रतिशत है। उन्होंने एसजीएसटी, परिवहन, आबकारी, वानिकी, ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में राजस्व वृद्धि के लिए और अधिक प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मितव्ययता के कई आयाम हैं। एक ओर मजबूत कानून व्यवस्था से निवेश बढ़ता है, आर्थिक गतिविधियां बढ़ती हैं। राज्य की कर और गैर-कर आय बढ़ती है। इसी प्रकार नीतिगत पहल से भी राज्य की आय में वृद्धि हो सकती है। मितव्ययता सुनिश्चित की जा सकती है। मितव्ययता कल्याणकारी राज्य से समझौता नहीं है मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकार की नई नीतियों और संशोधित की गई नीतियों का प्रभाव राज्य की अर्थव्यवस्था पर स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए। नीतियों के सफल क्रियान्वयन के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि मितव्ययता का अर्थ कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से समझौता करना नहीं है। हमारी रणनीति बेहतर तरीके से कार्य करने की होनी चाहिए। महत्वाकांक्षी परियोजनाओं और जनकल्याणकारी कार्यों के लिए राज्य में संसाधन बढ़ाना आवश्यक है। बड़ी परियोजनाओं की सही लागत और लाभ का विश्लेषण करें। उत्पादकता में सुधार, अनावश्यक व्यय में कटौती और संसाधनों का समुचित उपयोग मितव्ययिता के लिए आवश्यक है।

कर राजस्व में 16.96 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य

बैठक में बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष में कर राजस्व में 16.96 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2023-24 में राज्य के कर राजस्व में 12.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही राज्य ने पूंजीगत कार्यों में पहली बार 10 हजार करोड़ से अधिक खर्च किए हैं। राज्य के जीएसडीपी में 20 माह में 1.3 गुना वृद्धि हुई है। दो वर्षों में प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बैठक में राज्य के राजस्व संसाधनों में वृद्धि के प्रयास, प्रतिबद्ध और गैर-प्रतिबद्ध व्यय की प्रवृत्ति, महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता, राजकोषीय संसाधनों का बेहतर उपयोग जैसे विषयों पर चर्चा की गई।

ई-मॉनिटरिंग पर जोर
इस अवसर पर पूंजीगत परियोजनाओं के डीपीआर तैयार करने से लेकर परियोजना के पूर्ण होने तक के कार्यों की ई-मॉनिटरिंग, ई-गवर्नेंस के उपयोग और राजस्व स्रोतों की डिजिटल मॉनीटरिंग पर जोर दिया गया। अभिलेखों, दस्तावेजों एवं सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए पेपरलेस पद्धति के उपयोग, ई-वाहनों को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन योजनाओं में केंद्रांश एवं राज्यांश क्रमशः 90 एवं 10 के अनुपात में है, उन्हें अधिक प्राथमिकता दी जाए। नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित सार्वजनिक कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल फैनई, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा सहित शासन के अधिकारी एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।